नक्सलवाद विष की गाठ बने हुए है । उन्होंने भारत में कई कोखे उजाड़ने का काम किया है । इसके बावजूद भी हमारी सरकार खाक छानती नज़र आती है । नक्सलवाद आज भारत की प्रमुख समस्या है । उनसे शांति प्रिय बात करने से हमें कोई फायदा नहीं होने वाला है । नक्सलियों के सामने यह कहावत नज़र आती है "अंधे के आगे रोवे अपने दी दे खोवे" । उनके साथ अब सरकार को सख्ती से पेश आना होगा । उनको छठी का दूध याद दिलाने के लिए हमें अपना रंग जमाना ही होगा, तभी यह धुल में मिल सकते है। सरकार को आर पार की लड़ाई लड़नी होगी । नक्सलवाद से जुड़े हर सख्स से सामना करना होगा ।
रविवार, 18 अप्रैल 2010
रविवार, 11 अप्रैल 2010
वाह रे सानिया
भारतीय टेनिस खिलाडी सनसनी सानिया मिर्जा का १५ अप्रैल को निकाह हो जाएगा । पूरा देश इस नजारे को देखेगा और सानिया कुछ ही पलों में पाक की बहु बन जाएगी। भारत ने सानिया को वह दिया जो उसने सोचा भी नहीं होगा। परन्तु मिर्जा ने कुछ ही समय में कराड़ों भारतीयों का दिल तोड़ दिया । अब भारतीयों के अंदर सानिया की छवि खलनायक की बनी हुई है। अब सब यह जानना चाहते है की वह टेनिस भारत के लिए खेलेगी या पाक के लिए। हालांकि उसके परिवार वाले हमेशा कह रहे हंै की वह भारत के लिए ही खेलेगी, लेकिन विश्वास नहीं हो रहा। मिर्जा का जब भी न्यूज पेपरों में फोटो छपता है तो युवा उसकी कतरन अपने पास रखते हैं, आज वहीं युवा अखबार जलाकर उसका विरोध कर रहे हैं। आज पूरा भारत हैरत में है। सानिया ने पाक का दूल्हा क्यों पसंद किया। हो सकता है भारत में अधिक जनसंख्या के कारण सानिया को दूल्हा खोजेने में कठनाई आ रही हो। कभी-कभी यह टीवी वाले भी गलती कर बैठते हंै स्वयंवर शो में राखी सावंत और राहुल महाजन की बजाए सानिया को लाना चाहिए था, ताकि सानिया को भारत में ही दूल्हा मिल जाता और उन्हें पाक तक नहीं जाना पड़ता। पिछले कुछ वर्षांे से हम भी सानिया को पसंद करते थे। वजह यह नहीं की वह स्टार खिलाड़ी है, वजह यह थी की हमारा जन्म एक ही दिन हुआ है, और हमारा समय भी एक है । बस फर्क इतना की वह दिन को और हम रात को...।
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